Political Parties Of UP Busy Wooing Dalits Backward Cast

Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress : अखिलेश और कांग्रेस की तल्खी से INDIA गठबंधन में तकरार, कैसे लगेगी कांग्रेस की नैया पार ?

Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress : अखिलेश और कांग्रेस की तल्खी से INDIA गठबंधन में तकरार, कैसे लगेगी कांग्रेस की नैया पार ?

Published By Roshan Lal Saini

INDIA ALLIANCE NEWS : देश में आम चुनाव से चंद महीने पहले मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनाव के लिए चल रही विपक्षी एकता की कसरत का पैमाना माना जा रहा है। ज़ाहिर है फिलहाल इंडिया गठबंधन में शामिल दो मुख्य दलों कांग्रेस सपा के सुर विधानसभा में अलग-अलग हो गए हैं। एमपी में दोनो के बीच खींची तलवार के मद्देनजर अब तक 22 सीटों पर दोनों दलों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। एमपी में सपा के पिछले चुनावी प्रदर्शनों को देखते हुए कांग्रेस ने उसके सीटों के दावों को ख़ारिज कर राह अलग कर ली है। ऐसे में नजरें इस पर टिक गई हैं कि सपा की अलग दावेदारी कांग्रेस पर क्या असर डालेगी? क्या कांग्रेस और सपा के बीच गहमागहमी से यह माना जाए कि ये गठबंधन लोकसभा चुनाव तक टिक पाएगा? बल्कि कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन महज राजनीतिक अखाड़ा हैं, जिसमें आने वाले समय में आपसी लड़ाई ही बिखराव का कारण बनेगी।

INDIA ALLIANCE NEWS

ये भी पढ़िए … रंग लाया सांसद प्रदीप चौधरी प्रयास, शामली के कई स्टेशनों पर रुकेगी 6 ट्रेनें, सांसद प्रदीप चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

भारतीय जनता पार्टी के नेता मध्य प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी हो रही खींचतान में चुटकी ले रहे हैं और यह कह रहे हैं कि गठबंधन की हवा निकल गई। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेता ही नहीं, बल्कि एनडीए के उत्तर प्रदेश के साथी ओमप्रकाश राजभर भी चुटकी ले रहे हैं। दरअसल, इसकी वजह भी ये है कि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 9 सीटें चाहते थे, लेकिन कांग्रेस उन सीटों पर तो मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ना चाहती ही थी, जो वो जीत सकती है, लेकिन कर्नाटक में जीत और मध्य प्रदेश में भाजपा के खिलाफ चल रही हवा को देखते हुए उन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जिन पर उसकी पकड़ मजबूत है। बस इसी वजह से अखिलेश यादव कांग्रेस से नाराज हैं। Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress

ये भी देखिये … भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले गुर्जर समाज बसपा को दे समर्थन

जाहिर है कि जब सीटों के बंटवारे को लेकर किसी गठबंधन के भीतर तनाव होगा, तो वो खुलकर सामने आएगा ही। और ऐसा सिर्फ यूपीए या आज के इंडिया गठबंधन में ही नहीं हुआ या होना है, बल्कि एनडीए में भी खूब होता रहा है। दरअसल अगर मध्य प्रदेश की बात करें, तो इसमें कोई दोराय नहीं कि वहां कांग्रेस और भाजपा ही सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी पार्टियां हैं और अगर इनमें से एक पार्टी की हार होती है, तो हर हाल में दूसरी पार्टी की ही सरकार बनेगी। वैसे तो मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव यानि 2018 के विधानसभा चुनाव की अगर बात करें, तो कांग्रेस की ही सरकार वहां बनी थी, लेकिन कुछ ही महीने के बाद कांग्रेस की टूट ने भाजपा को सरकार बनाने के मकसद में कामयाब कर दिया और आज भी वहां भाजपा की ही सरकार है। भाजपा को इस बार भी थोड़ा खतरा साफ नजर आ रहा है और इसी के चलते उसने मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों तक को मैदान में उतार दिया है। Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress

ये भी पढ़िए … सहारनपुर की रीना गुप्ता को रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बनाया रेल मंत्रालय में सदस्य, रीना गुप्ता बोली ईमानदारी से निभाऊंगी जिम्मेदारी

बहरहाल, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि इंडिया गठबंधन लोकसभा के लिए है, विधानसभा स्तर पर नहीं है। यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने तो यहां तक कह दिया कि मध्य प्रदेश में सपा की कोई हैसियत नहीं है। इसी से नाराज अखिलेश यादव ने कहा कि अगर वे (कांग्रेस) कहते हैं, कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है, तो हम स्वीकार करते हैं। शायद हमें ही गलतफहमी रही होगी। अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं से अपील है कि वह छोटे नेताओं से इस तरह की बयानबाजी न कराएं। हालांकि अखिलेश ने कहा कि इंडिया गठबंधन की मीटिंग में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने रात-रात भर वार्ता की कि मध्य प्रदेश में कहां पर और किस सीट पर समाजवादी पार्टी जीती, कहां नंबर दो पर रही। Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress

Dispute in INDIA Alliance Due to Bitterness Between Akhilesh and Congress

इस आधार पर यह आंकड़ा लेकर भरोसा दिया था कि 6 सीटों पर विचार करेंगे। फिर भी हमें एक भी सीट नहीं दी, इसलिए हमने वहां अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। अब मध्य प्रदेश में अखिलेश अपनी पार्टी से करीब 22 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। इंडिया गठबंधन पर कहना है कि अगर यह सिर्फ लोकसभा में है, तो इस पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस जैसा व्यवहार सपा के साथ करेगी, उनके साथ वैसा ही किया जाएगा। Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress

ये भी पढ़िए … कपिल सिब्बल की एंट्री से INDIA गठबंधन नेताओं में मची अफरा तफरी, हैरत में पड़ गया विपक्ष

दरअसल, अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें, तो जाहिर है कि वहां भारतीय जनता पार्टी के विरोध में सबसे मजबूती से एक ही पार्टी खड़ी है, और वो है समाजवादी पार्टी। जाहिर है कि अभी हाल ही में कोसी विधानसभा की सीट उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीती है, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी में खलबली मची हुई है कि कहीं साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उसके सभी 80 सीटें जीतने के सपने पर पानी न फिर जाए। और जाहिर है कि सभी 80 सीटें भारतीय जनता पार्टी न साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत सकी और न ही 2019 के लोकसभा चुनाव में, जबकि इन दोनों ही चुनावों में नरेंद्र मोदी के चेहरे पर टूटकर वोट पड़े थे। बल्कि साल 2019 में साल 2014 के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी को कम सीटें मिलीं, और समाजवादी पार्टी मजबूत हुई। Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress

Dispute in INDIA Alliance Due to Bitterness Between Akhilesh and Congress

बहरहाल, जाहिर है कांग्रेस ने अखिलेश को उनकी पसंद की 9 सीटें नहीं देने से अखिलेश ने जिन 33 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारें हैं, तो इससे इन सभी सीटों पर कांग्रेस का भी कुछ फीसद वोट बैंक तो प्रभावित होगा और इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को भी होगा। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का पक्का वोट बैंक जितना भी है, वो तो कांग्रेस को मिलने वाला नहीं और कांग्रेस को जो वोट बैंक मिल सकता है, उसमे सेंध लगाने का काम समाजवादी पार्टी करेगी। ऐसे में कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत हासिल करने में मुश्किल होगी। Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress

ये भी देखिये… INDIA गठबंधन की बैठक में समन्वय समिति और अन्य ग्रुप बनाने की जरूरत पर दिया जोर

माना जा रहा है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 229 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अब अगर सरकार बनाने की स्थिति का गणित देखें, तो पाएंगे कि मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कम से कम 116 सीटें चाहिए। अगर 22 सीटों पर कांग्रेस की जीत नहीं हुई तो फिर जाहिर है कि कांग्रेस कमजोर होगी। और जरूरी नहीं कि सभी 22 सीटों पर समाजवादी पार्टी की जीत हो, क्योंकि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की तरह मजबूत नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसने सिर्फ एक ही सीट जीती थी, और वो विधायक भी भारतीय जनता पार्टी के साथ चला गया। ऐसे में सपा कांग्रेस को यहां आपसी तालमेल करते हुए सपा को कम से कम कुछ सीटें तो देनी ही चाहिए थीं। Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress

Dispute in INDIA Alliance Due to Bitterness Between Akhilesh and Congress

ये भी पढ़िए …  इमरान मसूद को बसपा ने किया निष्कासित, इमरान मसूद ने पांच करोड़ रुपये मांगने का लगाया आरोप

बहरहाल चाहे मध्य प्रदेश हो या उत्तर प्रदेश जहां जो मजबूत होगा, वो दूसरी पार्टी को सीटें देने से बचेगा ही बचेगा। इसका गणित ऐसे भी समझ सकते हैं कि एनडीए भी अपने किसी पार्टनर पार्टी को उस जगह से टिकट नहीं देती, जहां उस पार्टी की पकड़ न हो। इसलिए इस छोटी सी फूट या कहें कि सीटों के बंटवारे को लेकर हुई नोक झोंक को लेकर इंडिया गठबंधन को कमजोर करना तमाम अन्य विपक्षी दलों की मेहनत पर पानी फेरने जैसा है, सवाल यह है कि अगर राज्यों की चंद सीटों पर ही सहमति नहीं बन पा रही है। इतने मतभेद उभर रहे हैं विपक्ष के तमाम दलों के बीच जिस बड़े मकसद के लिए सहमति बनी थी, उसका क्या होगा? क्या लोकसभा में ये एक बड़ी चुनौती बनती दिख रही है? पंजाब, बंगाल ये ऐसी जगहें हैं जहां सभी दल अपनी दावेदारी पेश करेंगे। मध्य प्रदेश की इस लड़ाई को देखें तो साफ है कि यूपी में कांग्रेस और सपा के बीच सीटों का बंटवारा आसानी से नहीं होने वाला है। जिसका सीधा-सीधा लाभ सत्ताधारी भाजपा को होगा। Dispute in INDIA Alliance Between Akhilesh and Congress

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

WWW.NEWS14TODAY.COM

Similar Posts