Central Government And Sugar Mill

Central Government And Sugar Mill : केंद्र सरकार करेगी सहकारी चीनी मिलों का पुनरुत्थान, क्या किसानों समय पर मिल पायेगा भुगतान 

Central Government And Sugar Mill : केंद्र सरकार करेगी सहकारी चीनी मिलों का पुनरुत्थान, क्या किसानों समय पर मिल पायेगा भुगतान

Published By Roshan Lal Saini

Central Government And Sugar Mill : केंद्र की भाजपा की मोदी सरकार द्वारा देश के सहकारी चीनी मिलों के आयकर से संबंधित दशकों पुराने लम्बित मुद्दों के समाधान की ओर बढ़ती दिखाई पड़ती नज़र आ रही है। दरअसल पीएम मोदी के नेतृत्व और सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रयासों से दशकों से लंबित आयकर सम्बन्धी मुद्दों का निवारण करते हुए केन्द्रीय बजट 2023-24 के माध्यम से यह प्रावधान कर दिया गया है कि मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से पूर्व सहकारी चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को किए गए भुगतानों को व्यय के रूप में दावा करने की अनुमति होगी।

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इसके लिए आयकर की धारा-155 में एक नई उपधारा 19(1) को सम्मिलित किया गया है। सीबीडीटी ने जुलाई 2023 को इस सम्बन्ध में मानक संचालन प्रक्रिया भी जारी कर दी है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, इससे सहकारी चीनी मिलों को 46 हज़ार 524 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है, जिससे दशकों से लंबित आयकर मुद्दों का समाधान हुआ है। जो देश के गन्ना किसानों के लिए राहत की बात है। Central Government And Sugar Mill

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इसके अलावा सरकार ने जो निर्णय लिया है कि सहकारी चीनी मिलों को आयकर से राहत सहकारी चीनी मिलों पर किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य अथवा राज्य की सलाह मूल्य तक, गन्ने के उच्चतर मूल्यों के भुगतान करने पर अतिरिक्त आयकर नहीं देना पड़ेगा। इस प्रावधान से सहकारी चीनी मिलें अपने सदस्यों को गन्ने का उच्चतर मूल्य दे सकेंगी और इस उच्चतर मूल्य के खर्च पर आयकर से कटौती हासिल कर पायेंगी। अक्तूबर 2021 को जारी स्पष्टीकरण के अनुसार यह प्रावधान अप्रैल 2016 से लागू है और तब से सहकारी चीनी मिलों के माध्यम से उनके सदस्य किसानों को यह लाभ मिल रहा है। सरकार के इस निर्णय से निजी चीनी मिलों को भी किसानों को उचित मूल्य देने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इसलिए सरकार के इस निर्णय को गन्ना किसान के हित में माना जा रहा है। Central Government And Sugar Mill

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सहकारी चीनी मिलों के सुदृढ़ीकरण के लिए एनसीडीसी के माध्यम से 10 हज़ार करोड़ रुपए की ऋण योजना सहकारिता मंत्रालय ने ‘सहकारी चीनी मिलों के सुदृढ़ीकरण के लिए एनसीडीसी को अनुदान सहायता’ नाम की एक नई योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत भारत सरकार 2022-23 से 2023-24 तक के लिए एनसीडीसी को रु एक हज़ार करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है। एनसीडीसी इस अनुदान का उपयोग सहकारी चीनी मिलों को 10 हज़ार करोड़ रुपए तक का ऋण प्रदान करने के लिए कर सकेगी। जिसका उपयोग सहकारी चीनी मिलें इथेनोल संयंत्र स्थापित करने के लिए या कोजेनेरेशन प्लांट लगाने के लिए या कार्यशील पूंजी के लिए अथवा तीनो कार्यों के लिए कर पाएंगी। अभी तक, एनसीडीसी द्वारा 24 सहकारी चीनी मिलों के लिए 3010.57 करोड़ रुपए से अधिक अनुमोदित किये जा चुके हैं। Central Government And Sugar Mill

केंद्र सरकार सहकारी चीनी मिलों को इथेनोल खरीद में वरीयता एवं कोजेन बिजली संयंत्रो की स्थापना पर भी जोर दे रही है। ज़ाहिर है कि इथेनोल ब्लेंडिंग कार्यक्रम के तहत पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा सहकारी चीनी मिलों को इथेनोल खरीद के लिए निजी कंपनियों के समतुल्य रखा जाएगा। गन्ने की खोई (बगास) से कोजन बिजली संयत्रों की स्थापना पर भी कार्य किया जा रहा है। इन कदमों से सहकारी चीनी मिलों के व्यवसाय का विस्तार होगा एवं लाभ में वृद्धि होगी। सहकारी चीनी मिलों की सहायता के लिए शीरा पर जीएसटी 28 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी किया गया है। Central Government And Sugar Mill

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सरकार ने अक्टूबर, 2023 को शीरे पर जीएसटी मौजूदा 28 फ़ीसदी से घटा कर 5 फ़ीसदी करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे डिस्टिलरीज की लिक्विडिटी में वृद्धि होगी। क्योंकि शीरा उनके संचालन के लिए कच्चा माल है। कम जीएसटी के कारण उन्हें कम कार्यशील पूंजी की आवश्यकता होगी। सहकारी चीनी मिल जिनके पास इथेनॉल अथवा डिस्टिलरी प्लांट नही है वह अपने शीरे को अधिक मार्जिन के साथ डिस्टलरीज को बेंच कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। Central Government And Sugar Mill

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बहरहाल इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सहकारी बैंकों को आ रही कठिनाइयों का निवारण करने का प्रयास किया है। जिसके तहत प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रयास से सहकारी बैंकों को उनके व्यवसाय में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए आरबीआई द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।जिसमें कुछ महत्वपूर्ण निर्णय किस प्रकार है : बिजनेस का विस्तार करने के लिए शहरी सहकारी बैंक अब नई शाखाएं खोल सकेंगे। सहकारी बैंक भी वाणिज्यिक बैंको की तरह दिए गए ऋण का एकमुश्त निपटान कर सकेंगे। Central Government And Sugar Mill

शहरी सहकारी बैंको को दिए गए प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अतिरिक्त समय-सीमा दी गई है।शहरी सहकारी बैंकों से नियमित संवाद के लिए आरबीआ ई में एक नोडल अधिकारी नामित किया गया है। अब जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक को नई शाखा खोलने और एटीएम स्थापित करने या अपने कार्यालयों का स्थान बदलने की अनुमति है। अब शहरी सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों को घर बैठे बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के अनुमति मिल गई है। Central Government And Sugar Mill

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अब ग्रामीण व शहरी सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा दोगुनी से अधिक बढ़ाई गई है। हाल के दिशानिर्देश के अनुसार ग्रामीण सहकारी बैंक अब वाणिज्यिक रियल एस्टेट-रिहाइशी आवास क्षेत्र को ऋण दे सकेंगे जिससे उनका व्यापार विविधिकरण हो सकेगा। अब सहकारी बैंकों को सीजीटीएमएसई के सदस्य ऋणदाता संस्थान एम एल आई के रूप में शामिल किया गया है। जिससे अब सदस्य सहकारी बैंक दिए गए ऋणों पर 85 फ़ीसदी तक जोखिम कवरेज का लाभ ले सकेंगे। साथ ही, सहकारी क्षेत्र के उद्यमों को भी अब सहकारी बैंकों से कोलेटरल मुक्त ऋण मिल सकेगा। Central Government And Sugar Mill

दरअसल आरबीआई ने अपने 05 अप्रैल 2023 के परिपत्र द्वारा सहकारी बैंकों की आधुनिक ‘आधार सक्षम भुगतान प्रणाली’ (AePS) पर ऑनबोर्डिंग के लिए लाइसेंस शुल्क को लेन-देन की संख्या से जोड़ कर कम कर दिया है। इसके अलावा, सहकारी वित्तीय संस्थानों को पहले तीन महीने के प्री-प्रोडक्शन चरण तक निःशुल्क सुविधा भी मिल सकेगी। इससे अब घर बैठे बैंकिंग की सुविधा किसानों को उनके फिंगर प्रिंट पर मिल सकेगी। Central Government And Sugar Mill

(लेखक राष्ट्रीय अखबार में राजनीतिक संपादक हैं)

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