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Agra Centeral Jail : आगरा की सेंट्रल जेल से आतंकियों को निकालने की साजिश नाकाम, डॉक्टर पर पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को निकालने की साजिश रचने का आरोप

Agra Centeral Jail : आगरा की सेंट्रल जेल से आतंकियों को निकालने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश ?

डॉक्टर पर पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को निकालने की साजिश रचने का आरोप

EDITED BY ANIL KATARIYA

Agra Centeral Jail आगरा : आगरा (Agra) की सेंट्रल जेल (CENTERAL JAIL) में आतंकियों (Terrorist) से सांठगांठ कर उन्हें बीमारी के नाम पर अस्पताल भेजने की योजना बनाने का मामला सामने आया है। इसका आरोप जेल में तैनात डॉक्टर पर लगा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल अधीक्षक की शिकायत के बाद अब डॉक्टर को जेल से हटा दिया गया है।

वहीं, डॉक्टर ने भी जेल प्रशासन पर अतिरिक्त आहार पर साइन कराने व अभद्रता का आरोप लगाया है। एक और जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जेल में बंद शातिर अपराधी और माफिया का नेटवर्क तोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाये हुए है। वहीं आगरा की अति संवेदनशील सेंट्रल जेल में बंद आतंकियों की मदद करने का मामला उजागर हुआ है। जहां पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को सुविधा देने का गंभीर आरोप डॉक्टर पर लगा है। सेंट्रल जेल में तैनात डॉ. कुमार गुप्ता पर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आरके मिश्रा ने ये गंभीर आरोप लाये हैं। जेलर की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीओएम ने आरोपी डॉक्टर को जेल से हटाकर दूसरी जगह पर भेज दिया है।

जानिये कैसे हुआ मामले का खुलासा

आपको बता दें कि आगरा की सेंट्रल जेल में आतंकियों के बंद होने के चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़े इंतजाम किये गए हैं। आलम यह कि जेल के भीतर परिंदा भी पर नहीं मार सकता। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आरके मिश्रा ने बताया कि पिछले कुछ समय से उनको शिकायत मिल रही थीं कि जेल के डॉ. कुमार गुप्ता द्वारा हाई सेंसटिव बंदियों की बैरक में गतिविधि बढ़ गई है। इन बैरक में कश्मीरी और पाकिस्तानी आतंकी बंद हैं। पहले तो उन्होंने सोचा कि डॉक्टर रुटीन चेकअप (RUTIN CHEKUP) के लिए जाते हैं। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि डॉक्टर कुमार गुप्ता लगातार उन बैरक में जाते हैं। इतना ही नहीं आतंकियों से अकेले में काफी देर तक बात करते हैं। उन्होंने इस मामले को गंभीरत से लिया। डॉक्टर कुमार गुप्ता को बुलाकर कहा कि आतंकियों की बैरक में अकेले में न जाएं। जब भी जाएं तो सर्किल ऑफिसर और लंबरदार व वहां मौजूद सिपाही की मौजूदगी में ही जाएं। जेल अधीक्षक के कहने के बाद कुछ दिन तक मामला ठीक रहा। लेकिन इसके बाद फिर से डॉक्टर कुमार गुप्ता की करतूत शुरू हो गई।

सीनियर डॉक्टर की गैर मौजूदगी में फिर शुरू हुआ आतंकियों की  मदद का खेल

जेल अधीक्षक के मुताबिक़ उनके टोकने के बाद डॉ. कुमार गुप्ता (DR. KUMAR GUPTA) ने जेल में तैनात सीनियर डॉक्टर की अनुपस्थिति में उन बैरक में जाना शुरू कर दिया। उनके द्वारा आतंकियों को विशेष परिस्थिति में दी जाने वाली दवाओं की डोज बढ़ा दी गई। आतंकी भी बीमारी का बहाना कर उनसे मिलने जेल के अस्पताल में आने लगे थे। मामला संवेदनशील होने और डॉक्टर की गतिविधि में बदलाव न आता देख उन्होंने एक फरवरी 2023 को मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) को पत्र लिखकर डा. कुमार गुप्ता का ट्रांसफर कहीं ओर करने का अनुरोध किया। शिकायती पत्र भेजने के बाद उन्होंने सीएमओ को फोन करना पड़ा। बावजूद इसके डॉक्टर गुप्ता को जेल से नहीं हटाया गया। AGRA CENTERAL JAIL

आतंकी को जेल निकालने का प्लान 

जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में आतंकियों से मिलने की गतिविधियों के बाद डॉक्टर कुमार गुप्ता ने एक पाकिस्तानी व एक कश्मीर आतंकी को जेल से बाहर निकालने की योजना बनाई हुई थी। 9 अप्रैल को रात करीब नौ बजे उनके पास डॉक्टर का फोन आया कि एक कश्मीरी और एक पाकिस्तानी आतंकी को तत्काल एसएन इमरजेंसी भेजना है। एक आतंकी की हालत बहुत नाजुक है, जबकि दूसरे का बीपी 180 पहुंच गया है। इन्हें तत्काल एसएन मेडिकल कॉलेज नहीं भेजा तो इनकी जान जा सकती है। डॉक्टर गुप्ता की जल्दबाजी कप देखते हुए जेल अधीक्षक को मामला संदिग्ध लगा। जिसके चलते उन्होंने डॉक्टर से कहा कि ‘वो किसी भी कीमत पर जेल गार्ड के साथ आतंकियों को जेल से बाहर नहीं भेज सकते। आप एक काम करिए, मुझे लिखित में दीजिए। मैं दोनों को अस्पताल ले जाने के लिए फोर्स की मांग करता हूं, जब तक फोर्स नहीं आता, आप दोनों को जेल अस्पताल में ही उपचार दीजिए। इतना कहने के बाद उन्होंने डिप्टी जेलर को फोन कर बंदियों की स्थिति देखने के लिए भेजा।”
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मामले का खुलासा होने पर हटाए गए आरोपी डॉक्टर 

जेल अधीक्षक ने बताया कि जब डिप्टी जेलर बंदियों की हालत देखने गए तो वहां की स्थिति एकदम अलग थी। डॉक्टर दोनों बंदियों से आराम से बात कर रहे थे। डिप्टी जेलर को देखकर डॉक्टर के हाथ पैर फूल गए। उन्होंने मुझे फोन पर बताया कि “सर अब मरीज को बाहर ले जाने की जरूरत नहीं है। एक मरीज को होश आ गया है, दूसरे का बीपी भी डाउन हो गया है। हम अंदर ही मैनेज कर लेंगे।” जब उन्होंने मामले में छानबीन की तो बहुत सी चौंकाने वाली बात सामने आईं। जिस आतंकी की हालत को डॉक्टर नाजुक बताते हुए तत्काल रेफर कर रहे थे, उस आतंकी को डॉक्टर ने जेल अस्पताल में भर्ती तक नहीं किया। न ही उसका कोई ट्रीटमेंट किया गया।उन्होंने तत्काल सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। इस बार सीएमओ ने तुरंत डॉक्टर कुमार को जेल से हटा दिया।डॉक्टर कुमार गुप्ता द्वारा जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर पर अतिरिक्त आहार पर जबरन साइन करवाने और उनसे अभद्रता के आरोप लगाए हैं। जेल अधीक्षक ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर गुप्ता द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। वो अपने को बचाने के लिए झूठे आरोप का सहारा ले रहे हैं। जेल में बीमार लोगों को डॉक्टर ही अतिरिक्त आहार की संस्तुति करते हैं। डॉक्टर कुमार गुप्ता की गतिविधियों से जेल प्रशासन द्वारा सीएमओ करीब दो माह से अवगत कराया जा रहा था। AGRA CENTERAL JAIL

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