Young Man's Throat Cut With Chinese Manja

Young Man’s Throat Cut Chinese Manja : चाइनीज मांझे से कटा युवक का गला, 24 टांके लगने पर बची जान

Young Man’s Throat Cut Chinese Manja : चाइनीज मांझे से कटा युवक का गला, 24 टांके लगने पर बची जान

 

Published By Roshan Lal Saini

Young Man’s Throat Cut Chinese Manja : एक ओर जहां सरकार चाइनीज मांझे पर अंकुश लगाने के दावे कर रही है वहीँ मौत का धागा बन चुका चाइनीज मांझा शहर में खुलेआम बिक रहा है। जिससे आये दिन बड़े हादसे हो रहे हैं। चाइनीज मांझे की चपेट में आकर गला कटने से एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। चाइनीज मांझे से गला कटने से युवक की जान पर बन आई। इस दौरान गनीमत ये रही कि घायल युवक खुद चिकित्सक के पास पहुंच गया। जहां चिकित्सकों ने उसके गले में 24 टांके लगाने पड़े। जिससे युवक की जान बच पाई। हालाँकि गला कटने के बाद काफी खून बह गया। चिकित्सकों के मुताबिक़ यदि युवक आने में ज़रा भी देरी कर देता तो उसकी जान जा सकती थी।

Young Man's Throat Cut With Chinese Manja
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आपको बता दें कि थाना मंडी इलाके की सम्राट विक्रम कालोनी निवासी संतोष कुमार का 17 वर्षीय बेटा करण अपनी छोटी बहन के साथ थाना सदर बाजार इलाके में अपने परिचित के यहां दिवाली की मिठाई देकर वापस लौट रहा था। इसी बीच जैसे ही करण बाइक से शारदा नगर रेलवे पुल पर पहुंचा तो अचानक वह चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। जब तक वह कुछ समझ पाता तेज धार मांझे से उसका गला कट गया। गले से खून बहता देख उसके होश उड़ गए। इस दौरान साहस का परिचय देते हुए गंभीर रूप से घायल करण अपनी बहन के साथ निजी चिकित्सक के पास पहुंचा। जहां उसकी हालत देख चिकित्सक भी हैरान रह गए। करण के गले से काफी खून बह चुका था। Young Man’s Throat Cut Chinese Manja
आनन फानन में चिकित्सकों की टीम ने करण के गले में टांके लगाए और उसका इलाज किया। मांझे की चपेट में आने से करण का गला इतना कट गया था कि गले 24 टांके लगाने पड़े। जिससे उसके गले से बहते खून को रोका गया। प्राइवेट चिकित्सक डॉ हंसराज सैनी के मुताबिक़ घायल युवक सम्राट विक्रम कालोनी का रहने वाला है। सोमवार की शाम करीब 4 बजे उनके क्लिनिक पर पहुंचा। जिसका गला पूरी तरह से कटा हुआ था। उन्होंने सर्जन डॉक्टर को बुलाया और उसका इलाज शुरू कर दिया। गले टांके लगने से खून रुका और उसकी जान बच पाई। ऐसे में अगर वह आने में थोड़ी देर कर देता तो शायद उसको बचा पाना मुश्किल होता। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर है। Young Man’s Throat Cut Chinese Manja

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शायद ही बसंत पंचमी का ऐसा कोई साल जाता है जब पतंग उड़ाने वाला चाइनीज मांझा मौत का धागा साबित ना होता हो। बावजूद इसके जिला प्रशासन की ढील के चलते जिले में ढंके की चोट पर इस मांझे का गोरखधंधा जोरो पर चल रहा है। हालांकि पुलिस अधिकारी छापेमारी की महज खानापूर्ति कर रही है। मांझे से बढ़ती घटनाओं के बाद भी सहारनपुर में कई जगहो पर जानलेवा चाइनीज मांझा खुलेआम बिक रहा है। ख़ास बात तो ये है कि मौत का धागा बन चुके इस मांझे को बेचने वालों के खिलाफ पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। आलम यह है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से देशभर में लगाए गए प्रतिबंध का भी कोई असर नहीं दिख रहा है। Young Man’s Throat Cut Chinese Manja
जानकारों के मुताबिक़ यह चाइनीज मांझा खुदरा विक्रेताओं को साधारण मांझे से आधी कीमत में मिल जाता है। चाइनीज मांझे का एक किलो का पैकेट 300 रुपये में मिलता है जबकि बाजार में साधारण मांझे का 500 ग्राम का पैकेट 450 रुपये तक बिक रहा है। ख़ास बात ये है चाइनीज मांझा साधारण मांझे से ज्यादा मजबूत भी होता है। यही वजह है कि चाइनीज मांझे की मांग भी ज्यादा होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक़ चाइनीज मांझा ट्यूबलाइट्स, बल्ब आदि के कांच के बुरादे, धातु का बुरादा, अंडे की जर्दी में मिलाकर तैयार किया जाता है। पतंग उड़ाने के शौकीन साधारण मांझा खरीदता ही नहीं है। जबकि चाइनीज मांझा मीटर के हिसाब से मिलता है। Young Man’s Throat Cut Chinese Manja
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बसंत पंचमी के दौरान अकेले सहारनपुर शहर में लगभग 40 करोड़ का कारोबार चाइनीज मांझे और पतंग का होता है। जबकि पतंगबाज़ अपने शोंक को पूरा करने के लिए ये भूल जाते हैं कि यह चाइनीज मांझा न सिर्फ बच्चो और जनमानस के लिए हानिकारक है बल्कि पक्षियों के लिए भी बहुत खतरनाक है। Young Man’s Throat Cut Chinese Manja

कितना खतरनाक है यह मांझा : –

चाइनीज मांझा प्लास्टिक की डोर की तरह होता है।

चाइनीज मांझा बहुत मजबूत होता है, यह तोड़ने से भी नहीं टूटता है।

इसके ऊपर कांच का कोट किया जाता है।

प्लास्टिक पर कांच का कोट इसे खतरनाक बना देता है।

गर्दन पर लगते ही यह खाल को काटते हुए अंदर घुस जाता है।

हाथ, गर्दन या किसी भी कपड़े को सैकेंडों में काट देता है।

साधारण माझा टूट जाता है, जबकि यह जान लिए बगैर नहीं छोड़ता।

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