पंजाब राजभवन ने मनाया राजस्थान स्थापना दिवस

चंडीगढ़, मार्च 30। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के नेतृत्व में पंजाब राजभवन में एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ राजस्थान का 75वां स्थापना दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया।

राज्यपाल ने समारोह में मौजूद अतिथिगणों को राजस्थान दिवस की बधाई दी और कहा कि देश के विभिन्न राजभवनों में मनाये जा रहे इस समारोह का मुख्य लक्ष्य हमारे राष्ट्र की विविधता में एकता का उत्सव मनाते हुए लोगों के बीच भावनात्मक संबंधों को और भी मजबूत करना है।

देश के सांस्कृतिक विरासत में राजस्थान के महत्व को याद करते हुए पुरोहित ने कहा कि सभ्यता व संस्कृति के हर आयाम में राजस्थान की परंपरा बहुत मजबूत रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान अपने शाही वैभव, संस्कृति, किलों और महलों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।

राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान एक ऐसी भूमि है जो अपनी शानदार संस्कृति और गौरवशाली इतिहास के लिए जानी जाती है। पंजाब के जैसे राजस्थान के लोगों को हमेशा उनकी वीरता और साहस के लिए याद किया जाता है। राजस्थानी लोग अपने मेहनती स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि भारत एक अनोखा राष्ट्र है, जिसका निर्माण विविध भाषा, संस्कृति, धर्म के तानो-बानो, अहिंसा और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित स्वतंत्रता संग्राम तथा सांस्कृतिक विकास के समृद्ध इतिहास द्वारा एकता के सूत्र में बाँध कर हुआ है।

एक साझे इतिहास के बीच आपसी समझ की भावना ने विविधता में एक विशेष एकता को सक्षम किया है जिसे हमें पोषित और अभिलषित करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर, राजस्थान पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई, जिसके बाद लोक संगीत, लोक नृत्य घूमर, हाड़ी रानी के असाधारण साहस की गाथा पर नृत्य नाटिका, केसरिया बालम और घनी खम्मा पर कोरियोग्राफी सहित नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन एमसीएम कॉलेज के छात्रों द्वारा पंडित नरेंद्र मिश्रा की कविता पद्मिनी गोरा बादल के पाठन के साथ हुआ।

आयोजन स्थल को राजस्थानी बांधनी दुपट्टा और राजस्थानी कठपुतलियों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था।

इस अवसर पर लेडी गवर्नर पुष्पा पुरोहित, भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन, पंजाब के राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. शिवा प्रसाद आईएएस, यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा व उनकी पत्नी, पंजाब और यूटी, चंडीगढ़ के आईएएस अधिकारी, भजन गायक कन्हैया लाल मित्तल, एमसीएम कॉलेज की प्रिंसिपल भार्गव व उनका स्टाफ व छात्र तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहयोग देने वाले राजस्थान परिषद, चंडीगढ़ के सदस्य आदि शामिल थे।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *