पंजाब के युवाओं में वतन वापसी की प्रवृत्ति बढ़ी – मान

चंडीगढ़, 13 अगस्त। विदेशों में रह रहे पंजाब के युवाओं में वतन वापसी की प्रवृत्ति को राज्य के लिए शुभ संकेत बताते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि प्रदेश सरकार ने अब तक तक 44,667 सरकारी नौकरियां दी है, जिसके चलते कई युवा अब विदेशों को अलविदा कहकर यहां सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं।

आज यहां विभिन्न विभागों के 417 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे युवा अब विदेशों में नौकरी करने के बजाय पंजाब में ही नौकरी करने के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा इसलिए वतन वापसी कर रहे हैं क्योंकि अब पंजाब में बिना किसी सिफारिश और रिश्वत के सरकारी नौकरियां मिल रही हैं।

पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को नौकरी केवल और केवल मेरिट के आधार पर दी जाएगी और नौकरी हासिल करना योग्य युवा का अधिकार होता है। इस मामले में मैं न किसी की सिफारिश मानता हूं और न ही किसी की सिफारिश चलने देता हूं, क्योंकि युवा मुझ पर बहुत विश्वास करते हैं और इस भरोसे को मैं किसी भी कीमत पर टूटने नहीं दूंगा।”

मुख्यमंत्री मान ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि हमारे युवाओं ने मेरी सरकार पर भरोसा जताया है। कोई भी व्यक्ति अपने पूर्वजों की धरती से दूर नहीं जाना चाहता। विदेश जाने वाले अधिकांश युवा हमारे सिस्टम से इतने परेशान हो गए थे कि उन्हें रोजगार की तलाश में अपना घर-बार छोड़ना पड़ा। इसके लिए परंपरागत पार्टियां जिम्मेदार हैं, जिन्होंने प्रदेश के युवाओं का भला करने के बजाय अपने परिवारों का ध्यान रखा।

मुख्यमंत्री ने आज कृषि विभाग, राजस्व विभाग, स्कूल शिक्षा, सहकारिता, स्थानीय सरकार, सामाजिक सुरक्षा, जल आपूर्ति और स्वच्छता, कर व आबकारी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, वित्त विभाग, उद्योग और व्यापार और पशुपालन विभाग के नवनियुक्त 417 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्टियां हमेशा मुझे लेकर भला-बुरा कहती रहती हैं, लेकिन कभी भी उनकी सरकार के अच्छे कामों की सराहना नहीं करतीं। उन्होंने परंपरागत पार्टियों को चुनौती देते हुए कहा कि युवाओं को 44,667 सरकारी नौकरियां देने, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, घर-घर राशन योजना, शहीदों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए देने जैसे कार्यों का जिक्र क्यों नहीं किया जाता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कांग्रेसी नेता प्रताप सिंह बाजवा जैसे विरोधी नेता उनके खिलाफ जो चाहे बोलते रहें, लेकिन वे पंजाब की प्रगति के लिए फैसले लेने से पीछे नहीं हटेंगे।

बादल परिवार और कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने पंजाब की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण लोगों ने उन्हें बुरी तरह से नकार दिया। उन्होंने कहा कि यह पंजाब की बदकिस्मती है कि ऐसे नेताओं के हाथों में सत्ता की बागडोर रही, जिन्होंने सिस्टम को बिगाड़ कर रख दिया।

प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार को आम लोगों की सरकार बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास हमेशा आम लोग ही रचते हैं और पंजाबियों ने भी आम घरों के युवाओं को सत्ता सौंपकर प्रदेश में बड़ा बदलाव लाया। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां जैसे साधारण नेता ने लंबी हलके से पांच बार के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को हराया।

फूट का शिकार हुई शिरोमणि अकाली दल पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल 25 साल राज करने का दावा करते थे, लेकिन इस समय उनकी स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि उनके साथ 25 नेता भी इकट्ठे नहीं हो पा रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाशिए पर धकेले गए अकाली नेता श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांग रहे हैं, लेकिन अपने किए गुनाहों का जिक्र नहीं करते।

इस मौके पर राजस्व मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा, शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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