स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम बनी बच्चों के लिए वरदान – मंत्री

मोहाली, 7 अगस्त। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और बेसहारा बच्चों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी उद्देश्य के तहत पंजाब सरकार द्वारा स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम के तहत अब तक लगभग 03 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं और राज्य के 1704 बच्चों को वित्तीय सहायता के लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 7.91 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

यह जानकारी सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज स्पांसरशिप और फॉस्टर केयर स्कीम के संबंध में यहां नायपर, सेक्टर 67 में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए दी।

आज के कार्यक्रम के दौरान इस स्कीम को आधार कार्ड आधारित डी.बी.टी. के तहत चलाने की शुरुआत करते हुए स्कीम के नए लाभार्थियों को सहायता राशि के चेक भी सौंपे गए। अब तक के लाभार्थियों में सबसे अधिक जिला मुक्तसर और दूसरे नंबर पर जिला फतेहगढ़ साहिब के हैं।

डॉ. बलजीत कौर ने संबोधित करते हुए कहा कि विभाग द्वारा बाल अधिकारों और सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिशन वात्सल्य स्कीम का मुख्य उद्देश्य जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट, 2015 को लागू करना और मुश्किल हालात में रह रहे बच्चों की सही देखभाल, सुरक्षा, विकास, इलाज और सामाजिक पुनर्वास को सुनिश्चित करना है और बच्चों के अनुकूल पहुंच अपनाकर बच्चों के हित को देखना है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्पांसरशिप स्कीम एक सहायता है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित परिवारों के बच्चों को प्रदान की जाती है ताकि बच्चे एक परिवार में बने रह सकें और उनकी शिक्षा जारी रखने के योग्य बन सके। इस स्कीम के तहत बच्चों को 18 साल की उम्र तक, 4000 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। राज्य सरकार द्वारा 1704 बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम के तहत वित्तीय लाभ दिया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंजाब सरकार द्वारा 7.91 करोड़ रुपये स्पांसरशिप स्कीम के तहत जारी किए गए हैं। 31 मार्च 2025 तक 07 हजार बच्चे इस स्कीम के तहत कवर किए जाने हैं।

मंत्री ने बताया कि बच्चों द्वारा भीख मांगने से संबंधित माता-पिता को जिम्मेदार ठहराने के लिए पंजाब बेगरी एक्ट 1971 में भी संशोधन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा 1098 हेल्पलाइन नंबर कार्यशील है। यदि किसी को कोई भी बेसहारा, बाल श्रम करता या भीख मांगता बच्चा मिलता है तो इस नंबर पर सूचना दी जाए। सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस हेल्पलाइन की सुचारू कार्यप्रणाली के लिए 250 और नए पद क्रिएट किए गए  हैं, जिन्हें जल्द भरा जाएगा।

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि हर महीने के दूसरे हफ्ते जिला स्तरीय समितियां बच्चों को बाल श्रम और भीख मांगने से बचाने के लिए उच्च स्तर पर काम करती हैं। जिला स्तरीय समितियों द्वारा बचाए गए बच्चों की 03 महीने तक फॉलो-अप रखी जाती है। शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर ऐसे बच्चों का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा जाएगा और बच्चों के माता-पिता को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। बाल घरों में पहुंचे बच्चों को हुनरमंद बनाया जाएगा।

डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि बचपन, मानव का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है और जीवन की नींव बनाता है। इस समय दौरान परिवारों से वंचित बच्चे अधिक तकलीफ महसूस करते हैं और कई बार बच्चे बुरे रास्तों पर प्रेरित हो जाते हैं। बच्चों को सही माहौल देना अनिवार्य है, यदि बच्चे अभी भी सड़कों पर भीख मांग रहे हैं, श्रम कर रहे हैं और स्कूल छोड़ रहे हैं तो बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। उनका लक्ष्य है कि हर बच्चा स्कूल जाए और अपनी जिंदगी संवार सके।

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