राज्य की दो नदियों को चिन्हित कर पुनर्जीवीकरण कार्य किए जाएं – सीएम

देहरादून, 8 अगस्त। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जलागम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रारंभिक चरण में राज्य की दो नदियों को चिन्हित कर उनके पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किये जाएं। इसमें एक नदी गढ़वाल मण्डल से और एक नदी कुंमाऊ मण्डल से चुनी जाए। वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में छोटी-छोटी तलैया बनाई जाए, इसमें जन सहयोग भी लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही लोगों की आजीविका को बढ़ाने की दिशा में जलागम विभाग द्वारा विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण में इसका भी आंकलन किया जाए कि इससे जल स्रोतों पर कोई प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है, योजनाओं के निर्माण से प्रभावित होने वाले जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी कार्य किये जाएं। जलागम द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत वाइब्रेंट विलेज को भी प्राथमिकता में रखा जाएं।

धामी ने निर्देश दिए कि बाह्य सहायतित परियोजनाओं को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाए। केन्द्र सरकार से सहायतित योजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता में रखा जाए। 90 प्रतिशत केन्द्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश वाली योजनाओं में और तेजी लाने के निर्देश भी उन्होंने दिये। स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतों एवं वर्षा आधारित नदियों के पुनरुद्धार के लिए लघु एवं दीर्घकालिक उपचार की योजनाएं बनाकर उनका मूल्यांकन व अनुश्रवण किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।  

उन्होंने निर्देश दिए कि जलागम विकास परियोजनाओं के नियोजन एवं क्रियान्वयन के लिए सतत जल संसाधन प्रबन्धन, सतत भूमि एवं पारिस्थतिकी प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण और जैव विविधता संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जाएं। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग के साथ मिलकर प्रभावी कदम उठाये जाएं। पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि योग्य बंजर भूमि में औद्यानिकी एवं कृषि-वानिकी गतिविधियों द्वारा कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए कार्य किये जाएं। जलागम की योजनाओं में महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए।

बैठक में बताया गया कि जलागम विभाग द्वारा उत्तराखण्ड में चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में पर्वतीय कृषि को लाभदायतक तथा ग्रीन हाऊस गैस न्यूनीकरण के लिए विश्व बैक द्वारा पोषित ‘उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना’ को स्वीकृति मिली है। बैठक में बताया गया कि राज्य के तीन जनपदों पौड़ी, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलागम विकास घटक 2.0 के तहत कार्य हो रहे हैं।

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