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UP Politics : क्या पश्चिमी यूपी के हालात को भांपने में नाकाम रहे भाजपा पदाधिकारी?

UP Politics : क्या पश्चिमी यूपी के हालात को भांपने में नाकाम रहे भाजपा पदाधिकारी?

Published By Roshan Lal Saini

UP Politics : पश्चिमी यूपी में भारतीय जनता पार्टी के रणनीति कहीं ना कहीं कमजोर पड़ती दिखाई देती है जिसका नुकसान भारतीय जनता पार्टी को होते हुए साफ दिखाई दे रहा है। जहां इस बार जाट लैंड कहे जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट एक हिसाब से चुपचाप बैठा हुआ दिखाई दे रहा है।

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वहीं दूसरी ओर राजपूत समाज ने भाजपा के विरोध में मोर्चा खोला हुआ है। राजपूत समाज ने पश्चिमी यूपी मे अपनी उपस्थिति दर्ज कर सत्ताधारी दल भाजपा के खिलाफ पंचायती करते हुए यह जाता दिया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठाकुरों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। भाजपा का कौर वोटर माने जाने वाला ठाकुर भाजपा से नाराज दिखाई देता है। UP Politics

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इसके अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश का युवा जो बड़ी तादाद में यूपी पुलिस, दिल्ली पुलिस या सेवा में जाता रहा है। इस बार वह मायूस नजर आ रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश में पर्चा लीक की घटना की वजह से पुलिस भर्ती रद्द होने और अग्नि वीर योजना की वजह से सेना में भर्ती के रास्ते बंद होने से युवाओं में अच्छी खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। UP Politics

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युवाओं के अलावा किसान तमाम मुद्दों की वजह से पहले से ही भाजपा से नाराज है, किसानों, युवाओं और ठाकुरों के अलावा अन्य जातियों के नाराज होने की वजह से इन लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अच्छा खासा नुकसान होने का अनुमान है। UP Politics

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लेकिन हैरानी इस की बात की है कि योजनाबद्ध तरीके से काम करने वाली भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी संगठन इस चीज को भांपने में नाकाम कैसे रहे? ज़ाहिर है कि जिला स्तर पर तमाम आकलनों के बाद ही शीर्ष नेतृव को तीन उम्मीदवारों के नाम भेजे जाते हैं। UP Politics

तो क्या नाम भेजने में कोताही बरती गई? क्योंकि कई सीटों पर जहां टिकट बदलने चाहिए थे वहां पर टिकट नहीं बदलना और जहां नहीं बदलने चाहिए तो वहां पर टिकट बदलना जताता है कि टिकटों के बंटवारे में अनदेखी हुई है। जिसका खामियाजा सत्ताधारी दल भाजपा को भुगतना पड़ सकता है। UP Politics

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