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Saharanpur News : बाल अधिकार संरक्षण आयोग चलाएगा ’’एक युद्ध-नशे के विरुद्ध’’

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में सर्किट हाउस सभागार में विभिन्न विभागों के मण्डलीय अधिकारियों के साथ मण्डलीय समीक्षा बैठक आहूत की गयी। डॉ. देवेन्द्र शर्मा द्वारा मिशन वात्सल्य योजना की जानकारी प्रदान करते हुए मण्डल में बाल विवाह की रोकथाम, बाल श्रम की रोकथाम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल तस्करी, बाल यौन शोषण पर पूणरूप से रोक लगाने हेतु मण्डल के सभी अधिकारियो को कड़ाई से निर्देशित किया तथा अभियान चलाकर जनसामान्य को जागरूक करने के निर्देश दिए।

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उन्होने मण्डल के सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को नशे के विरूद्ध अभियान चलाकर बच्चों को नशा मुक्त करने का प्रयास करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये तथा रेस्क्यू किये गये सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया।

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उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर ’’एक युद्ध-नशे के विरुद्ध’’ संचालित अभियान की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि नशा छोटे-छोटे बच्चों के चेहरे की मुस्कान को समाप्त कर रहा है। जाने अनजाने में किया जा रहा नशा बच्चों का भविष्य खराब करने के साथ ही आगे चलकर क्राइम को भी बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है। हम सभी को चाहिए कि टीम भावना के साथ कार्य करते हुए नशे के कारोबार का समूल खात्मा कराएं।

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उन्होंने कहा कि विद्यालयों के आसपास धूम्रपान की दुकानें ना लगें। बाल विवाह एवं भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। उन्होंने विद्यालयों में प्रहरी क्लब बनाकर नशे के बारे में जनजागृति लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बच्चों एवं महिलाओं के भविष्य के प्रति काफी संवेदनशील हैं। कोरोना संक्रमण काल से प्रभावित बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन के तहत जनपद में बच्चों के लालन-पालन के लिए 4000 प्रति माह अभिभावकों के खाते में भेजे जा रहे हैं।

कन्या सुमंगला योजना में बेटियों को 25000 की धनराशि का लाभ दिया जा रहा है। अप्रिय दुर्घटना से प्रभावित बच्चियों को रानी लक्ष्मीबाई योजना का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि जन सामान्य के सहयोग एवं जागरूकता के माध्यम से हम सभी को चाहिए कि नशे के विरुद्ध अभियान चलाकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए।

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