Pakistani devotees In Ayodhya

Ram Will Come to New House After a Month : अगले वर्ष 22 जनवरी को मिल जाएगा भगवान् श्रीराम को अपना घर, दुल्हन की तरह सज रही अयोध्या

Ram Will Come to New House After a Month : अगले वर्ष 22 जनवरी को मिल जाएगा भगवान् श्रीराम को अपना घर, दुल्हन की तरह सज रही अयोध्या

Published By Roshan Lal Saini
Shri Ram Will Come to New House After a Month : भगवान श्रीराम को अपना घर मिलने जा रहा है। 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित करने की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। भगवान श्रीराम के स्वागत में पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। श्रीराम के घर का निर्माण नए सिरे से जो किया जा रहा है। देश-विदेश के वास्तुविद, शीर्षस्थ कंपनियों के इंजीनियर और दूसरी विधाओं के विशेषज्ञ इसको आकार दे रहे हैं। सामान्य मंदिरों से इतर गहरी नींव, मजबूत आधार के साथ यह केवल पत्थरों से बना होगा।
महज कुछ साल तक चलने वाली सीमेंट जैसे दूसरे पदार्थों का रंचमात्र प्रयोग नहीं हो रहा। रामलला का घर भूकंपरोधी होगा। एक हजार साल से ज्यादा समय तक अक्षुण्ण रहेगा। उत्तर और मध्य भारत में प्रचलित मंदिरों की नागर शैली में सरयू के किनारे बन रहा राममंदिर भौतिक विशिष्टताओं की खान है। हर किसी के मन में राममंदिर की विशेषताएं जानने का कौतूहल है। Ram Will Come to New House After a Month
Shri Ram Will Come to New House After a Month
आइये हम आपको बताते हैं भगवान्रा राम के नवनिर्मित इस मंदिर की क्या मुख्य विशेषताएं हैं जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। सभी मंदिरो की तरह श्रीराम का यह मंदिर भी पूर्व मुखी ही है। मंदिर की ऊंचाई 161 फ़ीट है और मंदिर में कुल तीन तल बनाये गए हैं। प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट होगी। पूरब और पश्चिम दिशा में मंदिर 350 फीट लंबा होगा। उत्तर-दक्षिण दिशा में 235 फीट चौड़ा होगा। मंदिर में पांच गुंबद यानी मंडप होंगे, जिसमें से अब तक तीन मंडप तैयार हो चुके हैं। चौथे मंडप का काम चल रहा है। Ram Will Come to New House After a Month

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अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण में 3500 कारीगर व मजदूर लगाए गए हैं। ये मजदूर राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हैदराबाद समेत देश के विभिन्न राज्यों के रहने वाके हैं। ख़ास बात ये है कि राममंदिर निर्माण कार्य दिन-रात चल रहा है। इसके लिए दो शिफ्ट में आठ-आठ घंटे मजदूरों की ड्यूटी लगाई जाती है। हैदराबाद के कारीगर रामसेवकपुरम में राममंदिर के दरवाजों का निर्माण कर रहे हैं। Ram Will Come to New House After a Month

राममंदिर निर्माण में देश के कई नामी तकनीकी एजेंसियों की मदद ली जा रही है। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो वीएस राजू के अलावा आईआईटी सूरत व गुवाहाटी के निदेशकों के साथ सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की के विशेषज्ञों समेत एलएंडटी और टाटा कंसल्टिंग के इंजीनियर मंदिर निर्माण में लगे हैं। सीबीआरआई हैदराबाद व आईआईटी मुंबई की टीम का भी योगदान है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था इसरो राम के मस्तक पर सूर्य की पहली किरण से तिलक कराने में मदद कर रही है। Ram Will Come to New House After a Month

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राममंदिर की खिड़कियां, चौखट, दरवाजे महाराष्ट्र के चंद्रपुर की सागौन की लकड़ी से बन रहे हैं। राममंदिर में कुल 42 दरवाजे लगाए जा रहे हैं। ये सभी दरवाजे सागौन की लकड़ी से बन रहे हैं। विशेषज्ञों की राय पर इस लकड़ी का चयन किया गया है। सागौन की लकड़ी में छह से सात सौ साल तक दीमक नहीं लगता। अब तक दिल्ली की सेंट्रल विस्टा परियोजना व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की इमारत, सतारा सैनिक स्कूल और डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स स्टेडियम सहित कई प्रमुख परियोजनाओं में महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी का उपयोग किया गया है। Ram Will Come to New House After a Month

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मंदिर निर्माण मुख्य रूप से राजस्थान के मिर्जापुर और बंसीपहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थर और नक्काशीदार संगमरमर से हुआ। गुलाबी पत्थरों की चमक सैकड़ों साल तक रहती है। इनकी आयु भी लंबी होती है। मंंदिर की नींव में 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। प्रत्येक का वजन दो टन है। ग्रेनाइट पत्थर ठोस होता है। पानी के रिसाव को सोख लेता है। इसलिए नींव की मजबूती के लिए इसका इस्तेमाल किया गया है। Ram Will Come to New House After a Month

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राममंदिर निर्माण में अब तक 21 लाख क्यूबिक फीट पत्थर का इस्तेमाल हो चुका है। राममंदिर की नींव में 1.30 लाख क्यूबिक मीटर इंजीनियरिंग फिल, राफ्ट में 9500 क्यूबिक मीटर कांपैक्ट कंक्रीट और प्लिंथ में 6.16 लाख क्यूबिक फीट ग्रेनाइट, मंदिर की ऊपरी संरचना में 4.74 लाख क्यूबिक फीट बंसीपहाड़पुर पत्थर, 14,132 क्यूबिक फीट नक्काशीदार मकराना संगमरमर लगाया गया है। Ram Will Come to New House After a Month
आईआईटी चेन्नई के परामर्श के बाद राममंदिर की नींव 50 फीट गहरी रखी है। इसे बनाने में सात महीने लगे थे। नींव में कुल 47 परतें बिछाई गई हैं। ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर को कम से कम एक हजार साल तक किसी प्रकार के मरम्मत की आवश्यकता नहीं होगी। विशेषज्ञों की सलाह पर मंदिर के निर्माण में स्टील और साधारण सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। दावा है कि 7.5 तीव्रता के भूकंप का असर राममंदिर पर नहीं होगा। बाढ़ से बचाने के लिए मंदिर के चारों दिशाओं में 50 फीट गहरी सुरक्षा दीवार भी बनाई जा रही है। Ram Will Come to New House After a Month

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राममंदिर की नींव करोड़ों हिंदुओं की आस्था भी अर्पित है। राममंदिर के फैसले के बाद देश की सभी पवित्र नदियों का जल व मिट्टी हजारों कलशों में अयोध्या पहुंची थी। भक्तों की इच्छा थी कि उनकी आस्था मंदिर की नींव में समर्पित की जाए। राममंदिर ट्रस्ट ने जल व मिट्टी को मंदिर की नींव में समर्पित कराया है। वहीं 1989 में हुए शिलादान में मिलीं करीब 2़ 75 लाख रामनाम लिखीं ईंटें भी नींव में समाहित की गई हैं। Ram Will Come to New House After a Month

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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तीन स्थानों पर गुप्त रूप से तीन मूर्तियां बनाई जा रही हैं। कर्नाटक के गणेश भट्ट, व राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय व अरुण योगीराज मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। तीन मूर्तियों में से बाल सुलभ कोमलता जिस मूर्ति में सर्वाधिक झलकेगी, उसका चयन किया जाएगा। उसी मूर्ति को पीएम मोदी 22 जनवरी को गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित करेंगे। राजस्थान से सफेद संगमरमर व कर्नाटक से एक भूरे रंग का पत्थर लाया गया, जिसे कृष्ण शिला कहते हैं। इन दोनों पत्थरों पर मूर्ति निर्माण शुरू हुआ। सभी प्रकार के पत्थरों का परीक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स में किया गया। इसके बाद ही मूर्तिकारों ने काम शुरू किया था। Ram Will Come to New House After a Month

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रामलला की अचल मूर्ति 51 इंच की होगी। कमल के आसन पर रामलला विराजेंगे। हाथ में धनुष-बाण होगा। आसन सहित प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई लगभग सात फीट होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि भक्तों को 25 फीट की दूरी से दर्शन करने के लिए यह आवश्यक है। राममंदिर का एक अन्य आकर्षण यह है कि हर रामनवमी को सूर्य की किरणें रामलला का अभिषेक करेंगी। सूर्य के प्रकाश को रामलला के माथे पर प्रतिबंधित करने के लिए एक उपकरण भी गर्भगृह में लगाया जा चुका है। इस पर इसरो के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। Ram Will Come to New House After a Month

राममंदिर ट्रस्ट राममंदिर के प्रमाणिक इतिहास से लेकर अदालतों में चले विवाद के दस्तावेजों का संकलन करा रहा है। राममंदिर आंदोलन की भी प्रमुख घटनाओं और चरणबद्ध योजनाओं की जानकारी का भी दस्तावेजीकरण हो रहा है। इसके साथ राममंदिर निर्माण की संपूर्ण तकनीक और इस ऐतिहासिक काम में लगी तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट को लेकर डॉक्यूमेंट्री बन रही है। मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों की हर दिन वीडियोग्राफी होती है। इस डॉक्यूमेंट्री के लिए अमिताभ बच्चन अपनी आवाज दे रहे हैं। मंदिर बनने के बाद रिलीज होगी। Ram Will Come to New House After a Month
1989 में अशोक सिंहल के निर्देश पर भारत के प्रख्यात शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा ने राममंदिर का मॉडल बनाया था। यही मॉडल राममंदिर का प्रतीक भी बन गया था। तब मंदिर की ऊंचाई 128 फीट तय की गई थी। नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से मंदिर के हक में फैसला आने के बाद संतों की मांग पर मंदिर के मॉडल में परिवर्तन किया गया। अब राममंदिर तीन तल का और 161 फीट ऊंचा बन रहा है। राममंदिर में रोजाना एक लाख भक्त दर्शन-पूजन कर सकेंगे। भव्य परिसर में आस्था के साथ आधुनिकता की झांकी दिखेगी। आधुनिक सुविधाओं वाले तमाम प्रकल्प, सीवर ट्रीटमेंट, वाटर ट्रीटमेंट से लेकर यात्री सुविधा केंद्र, पार्किंग, चिकित्सालय, सामुदायिक रसोई आदि के इंतजाम होंगे। Ram Will Come to New House After a Month
ये भी जानिए : –

– पर्व व त्योहारों पर खास प्रकाश व्यवस्था होगी।
– रामायण गैलरी में रामकथा के प्रसंगों की झांकी सजेगी।
– परिसर में 88 प्रकार के रामायणकालीन पौधे रोपित किए जाएंगे।
– भक्तों के लिए प्रतिदिन 11 लाख लीटर पानी की व्यवस्था की जाएगी।
– मंदिर चारों तरफ से खुला होने के साथ इको फ्रेंडली होगा।
– भक्तों के 24 घंटे रुकने की व्यवस्था होगी।

तीन चरणों में पूरा होगा मंदिर निर्माण :- 


पहला चरण-15 दिसंबर 2023
-राममंदिर के भूतल यानी गर्भगृह के निर्माण की समय सीमा 15 दिसंबर 2023 तय की गई थी, जो कि पूरी हो चुकी है और राममंदिर का भूतल भी बनकर तैयार है।
दूसरा चरण- दिसंबर 2024
-दूसरे चरण में राममदिर के प्रथम व दूसरे तल का काम पूरा किया जाना है। पहली मंजिल पर रामदरबार होगा। हर एक स्तंभ में देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जाएंगी।
तीसरा चरण- दिसंबर 2025
तीसरे चरण में परकोटा का निर्माण होगा। इसमें कांस्य पर 90 मूर्तियां उकेरी जाएंगी। परकोटे में सप्त ऋषियों के मंदिर भी बनाए जाएंगे। इस कार्य को दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।

राममंदिर निर्माण से जुड़ी प्रमुख तारीखें : –

9 नवंबर 2019- सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने विवादित 2़ 77 एकड़ जमीन राममंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट को देने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस जमीन के बदले अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया।
5 फरवरी 2020- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत केंद्र सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया। इसमें 15 सदस्य रखे गए। ट्रस्ट में नौ स्थायी और छह नामित सदस्यों को रखा गया। ट्रस्ट में सभी हिंदू सदस्यों को रखा गया।
6 फरवरी 2020- केंद्र सरकार ने एक रुपया दान के साथ राममंदिर निर्माण अभियान की शुरुआत की।
19 फरवरी 2020- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक दिल्ली में हुई। इसमें महंत नृत्यगोपाल दास को अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महासचिव चंपत राय को महासचिव चुना गया। पीएम नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र को मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष चुना गया।
25 मार्च 2020- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेंट में विराजमान रामलला को अपने सिर पर बिठाकर अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किया।
5 अगस्त 2020- रामजन्मभूमि परिसर में राममंदिर का भूमिपूजन हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण की आधार शिला रखी।
2 सितंबर 2020- अयोध्या विकास प्राधिकरण से मात्र चार दिनों के भीतर राममंदिर का नक्शा पास हुआ। इसके लिए ट्रस्ट ने 2.11 करोड़ रुपये जमा किए थे।
15 जनवरी 2021- राममंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान की शुरुआत की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अभियान का शुरुआत की। सबसे पहला दान योगी सरकार ने एक रुपये का किया।
1 जून 2022- सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के गर्भगृह की नींव का पूजन किया।

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