MP Imran Masood
इमरान मसूद INDIA गठबंधन प्रत्याशी

MP Imran Masood : 17 साल बाद जीते इमरान मसूद, खत्म किया 40 साल से पड़ा कांग्रेस का सूखा 

सहारनपुर : गांव देहात में एक कहावत है कि “12 साल में कुरड़ी किस्मत चमक जाती है” यह कहावत इंडिया गठबंधन के सहारनपुर सीट से लोकसभा प्रत्याशी इमरान मसूद पर सटीक बैठती है। क्योंकि इमरान मसूद 17 साल बाद कोई चुनाव जीते हैं। 17 साल बाद काजी इमरान मसूद ने चुनाव जीत कर न सिर्फ लोकसभा चुनाव में हार की हैट्रिक को बचाया है बल्कि अपने प्रतिद्वंधी बीजेपी प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा की सियासत खत्म कर दी है। इमरान मसूद ने लोकसभा चुनाव जीत कर 40 साल से कांग्रेस का सूखा भी खत्म कर दिया। 1984 के चुनाव के बाद 40 साल बाद कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में इमरान मसूद ने जीत का झंडा फहराया है।

MP Imran Masood
 इमरान मसूद MP

आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर में इमरान मसूद मुस्लिम कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते हैं। मुस्लिम समाज में अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। यही वजह है कि वे जिस दल में जाकर चुनाव लड़ते हैं उसको दूसरे नंबर की पार्टी बना देते हैं। बीजेपी को छोड़कर ऐसा कोई दल नहीं है जहां इमरान मसूद ने सदस्य्ता ना ली हो। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा, लोकदल समेत सभी दलों में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पांच बार मुँह की खाने के बाद भी उनके पीछे मुस्लिम मतदाताओं की भीड़ देखी जा सकती है। लेकिन जब किस्मत ने साथ दिया तो 2007 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद तत्कालीन मौजूदा मंत्री जगदीश राणा को हराकर विधायक बन गए थे। लेकिन इमरान मसूद मनमाफिक टिकट ना मिलने पर हर चुनाव में पार्टी बदलने का खिताफ भी अपने नाम कर चुके हैं। MP Imran Masood

ये भी पढ़िए …  पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को दिया इस्तीफा, नई सरकार बनाने की तैयारी 
पिछले साल बसपा से निष्काषित होने के बाद इमरान मसूद ने एक बार फिर कांग्रेस का हाथ थामा था। जिसके चलते कांग्रेस हाईकमान ने इमरान मसूद को लोकसभा चुनाव में सहारनपुर सीट पर गठबंधन प्रत्याशी के रूप में उतार दिया। कड़ी मेहनत और भगवान राम की चौपाइयों का सहारा लेकर इमरान मसूद चुनाव मैदान में कूद पड़े। जहाँ भाजपा ने 400 पार का नारा देकर मतदाताओं को साधने की कोशिश की वहीं इमरान मसूद ने संविधान के खतरे में बताते हुए मतदाताओं को साधना शुरू कर दिया। मंगलवार को नतीजे आये तो इमरान मसूद ने भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा को करारी शिकस्त देकर 17 साल बाद चुनाव में जीत हासिल की। MP Imran Masood
लोकसभा चुनाव में यह जीत जितनी कांग्रेस के लिए अहम है, उससे कहीं ज्यादा खुद इमरान के लिए बड़ी बात है। इमरान मसूद ने 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था। उस वक्त भाजपा के राघव लखनपाल ने इमरान मसूद को 65090 वोटों से हरा दिया। बावजूद इसके इमरान मसूद का हौसला कम नहीं हुआ। 2019 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव में दोनों एक-दूसरे के सामने आए। लेकिन दूसरी बार के चुनाव में बसपा के हाजी फजलुर्रहमान ने बाजी मार ली लेकिन इस बार इमरान मसूद तीसरे नंबर पर रह गए। अब 2024 का लोकसभा चुनाव इमरान के लिए करो या मरो का बन गया था। क्योंकि अगर इमरान मसूद यह चुनाव हार जाते तो उनकी राजनीती खत्म हो जाती। लेकिन इमरान मसूद इस बार शुरू से ही कॉन्फिडेंस में थे और इस चुनाव में जीत दर्ज कर खुद ही हार की हैट्रिक बचा ली है। MP Imran Masood
सहारनपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के इतिहास की बात करते हैं। इस सीट पर पहला चुनाव सन 1952 में हुआ था। 1952 से 1971 तक सहारनपुर सीट पर कांग्रेस के सात बार सांसद चुने गए। हालांकि इंदिरा गाँधी सरकार के कार्यकाल में लगी इमरजेंसी का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा। जिसके चलते सहारनपुर सीट पर कांग्रेस की पहली बार हार हुई थी। सन 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के टिकट पर काजी रशीद मसूद सांसद रहे। 1984 के चुनाव में कांग्रेस के चौधरी यशपाल सिंह ने जीत हासिल की थी। 1984 के चुनाव बाद सहारनपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस को कभी जीत नहीं मिली। MP Imran Masood
इमरान मसूद तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इमरान मसूद भाजपा के राघव लखनपाल से हारे थे। उस दौरान इमरान मसूद ने प्रधानमंत्री को लेकर बोटी-बोटी वाला बयान दिया था। इमरान मसूद के इसी ब्यान के बाद 2014 का चुनाव हिंदू-मुस्लिम हो गया था। यही वजह  रही कि भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा ने करीब 65 हजार वोटों से हराया था। लेकिन इस बार INDIA गठबंधन के चलते इमरान मसूद अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। उनका खुद  कि इस बार सहारनपुर सीट पर कांग्रेस की जीत पक्की है। मुस्लिम और दलित उनके साथ-साथ हैं। इसके अलावा अन्य बिरादरी का वोट भी मिलता है। भाजपा को कम से कम एक लाख वोटों से हराया जाएगा। MP Imran Masood

Similar Posts