Loksabha Election

Loksabha Election : भीषण गर्मी में बहुत ठंडा क्यों चल रहा लोकसभा चुनाव ?

Loksabha Election : भीषण गर्मी में बहुत ठंडा क्यों चल रहा लोकसभा चुनाव ?

Published By Roshan Lal Saini

Loksabha Election : देश में लोकसभा चुनाव इस बार बहुत ठंडा और मौसम बहुत गर्म दिखाई दे रहा है। इस बार के चुनावों में मतदाताओं में कोई ज्यादा उत्साह नहीं दिख रहा है। मतदाता घर से निकलने को जैसे तैयार ही नहीं है। अगर वेस्टर्न यूपी के नजरिये से देखें तो यहां पर अभी खेती किसानी का काम जोरों से चल रहा है।

मुख्यतः यहां पर गन्ने की फसल होती है। जिसकी कटाई और बुवाई तेज़ी से चल रही है। और गन्ना किसान चुनाव को महत्व देते हुए अपनी फसल को निपटाने में लगे हुए हैं। मेहनत कश किसान मतदाता को जागरूक करने के लिए चुनाव आयोग को संज्ञान लेने की आवश्यकता है। ताकि चुनावी मौसम में भी गर्मी लायी जा सके। Loksabha Election

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आपको बता दें कि पश्चमी उत्तर प्रदेश में दूसरी मुख्य फसल गेहूं की होती है। इन दिनों गेंहू की भी कटाई जोरों से चल रही है। विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में कम मतदान होने का यह भी एक मुख्य कारणरहा है। इसके अलावा सत्ताधारी भाजपा के जो स्थानीय कार्यकर्ता और सहयोगी दलों के निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में उत्साह, जोशो-खरोश देखने को नहीं मिल रहा है। वह कहीं ना कहीं इन चुनाव में बहुत उत्साहित नहीं दिखते। जिससे चुनाव में माहौल नहीं बन पा रहा है। Loksabha Election

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अगर बात की जाए, तो चुनाव को और प्रभावी बनाने के लिए सत्ताधारी दल की कोशिश है कि इस चुनाव में धर्म का तड़का लगाया जाए। तमाम खुशी कोशिशों के बाद बात बनती नजर नहीं आ रही है। क्योंकि इस बार चुनाव धर्म के आधार पर नहीं बल्कि जाति के आधार पर लड़ा जा रहा है। इसका उदाहरण राजपूतों त्यागियों और सैनी समाज की महा पंचायतें हैं। किसी ना किसी बात को लेकर कई बिरादरियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। Loksabha Election

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उधर विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जातिगत गणना का वादा किया है। विपक्षी दलों का जातिगत जनगणना कराने का यह वादा भी इस मामले को हवा दे रहा है। लेकिन मतदाताओं में उत्साह ना बन पाना भी लोकतंत्र के लिए बड़ा ख़तरा बन सकता है। अगर देश का मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल कर सही सरकार का चुनाव करेगा तो देश का गलत हाथों में जाना भी सही नहीं है। खैर जो भी हो मतदाताओं को भीषण गर्मी में नेताओं की तरह आगे आकर अपने मतदाधिकार का प्रयोग करना चाहिए। वरना यह खाना गलत नहीं होगा कि भीषण गर्मी में चुनावी माहौल ठंडा है। Loksabha Election

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