ED Director Sanjay Mishra

ED Director Sanjay Mishra : सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के कार्यकाल में हुआ सेवा विस्तार, जस्टिस बीआर गवई ने खरीखोटी सुनाने के बाद दी मंजूरी

ED Director Sanjay Mishra : सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के कार्यकाल में हुआ सेवा विस्तार, जस्टिस बीआर गवई ने खरीखोटी सुनाने के बाद दी मंजूरी

Published By Roshan Lal Saini

ED Director Sanjay Mishra नई दिल्ली : एक ओर जहां केंद्र की मोदी सरकार माफियाओं, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी नेशनल जांच एजेंसियों का सहारा ले रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से ईडी निदेशक संजय मिश्रा को कार्यकाल को लेकर बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने संजय मिश्रा के कार्यकाल बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के फैसले को मंजूर कर लिया है। संजय मिश्रा अब 15-16 सितंबर की मध्य रात्रि तक ईडी निदेशक के पद पर तैनात रहेंगे। लेकिन इस दौरान उनके कार्यकाल में कोई विस्तार नहीं किया जाएगा। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में 3 जजों की पीठ में लंबी सुनवाई के बाद यह फैसला लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई कर सरकार के फैसले को मंजूर कर लिया है। साथ ही यह भी कहा है कि इसके बाद कोई भी अर्जी स्वीकार नहीं जायेगी।

ED Director Sanjay Mishra

ED Director Sanjay Mishra: इस मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से पहले एक बार करारा झटका मिल चुका है। सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी निदेशक संजय मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने को अवैध करार दिया था। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने संजय मिश्रा को 31 जुलाई 2023 तक लंबित काम निपटाने का आदेश दिया था। जबकि जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने संजय मिश्रा के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल बढ़ाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में संशोधन को संवैधानिक रूप जायज बताया। जिसके चलते ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार की याचिका पर सुनवाई की गई। ED Director Sanjay Mishra

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ED Director Sanjay Mishra: आपको बता दें कि सीनियर आईआरएस संजय मिश्रा को नवंबर 2018 में प्रवर्तन निदेशालय के पूर्णकालिक प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था। 1984 बैच के संजय मिश्रा ( IRS ) यानि भारतीय राजस्व सेवा आयकर कैडर के अधिकारी हैं। संजय मिश्रा को पहले जांच एजेंसी में प्रमुख विशेष निदेशक के रूप में नियुक्ति दी थी।

ईडी निदेशक पद से पहले संजय मिश्रा राजधानी दिल्ली में आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त थे। केंद्र की मोदी सरकार ने पहले साल 2020 में संजय मिश्रा के कार्यकाल में एक साल का सेवा विस्तार किया था। उस वक्त संजय मिश्रा के कार्यकाल को 18 नवंबर, 2021 तक बढ़ाया गया था। 17 नवंबर 2021को उनका कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले ही दूसरी बार कार्यकाल में सेवा विस्तार किया गया। इसके बाद संजय मिश्रा का दूसरा सेवा विस्तार खत्म होने से पहले ठीक पहले कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने तीसरी बार18 नवंबर 2022 से 18 नवंबर 2023 तक के लिए तीसरे सेवा विस्तार किया गया। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। ED Director Sanjay Mishra

 

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जहां याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार में ज्यादातर कार्य भार एक ही अधिकारी के कंधे पर है। जबकि सभी विभागों में एवं संस्थानों में सक्षम अधिकारियों की कोई कमी नहीं है। लेकिन यहां तो FATF के नाम पर सरकार की मनमानी चल रही है। वहीं केंद्र सरकार ने कहा कि FATF ( फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स ) की टीम आने वाली है, जिसकी वजह से यह बहुत ही यह असाधारण परिस्थिति है। इससे अंतर्राष्ट्रीय ऋण प्राप्त करने में देश की पात्रता तय की जाएगी। शायद यही वजह है कि इसी में नाकाम रहने से पाकिस्तान जैसे ऐसे देश ग्रे लिस्ट में शामिल हो गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि सामान्य परिस्थितियों में हम अर्जी पर सुनवाई नहीं करते हैं। लेकिन बड़े सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए हम संजय मिश्रा को 15 सितंबर 2023 तक ईडी निदेशक के रूप में जारी रखने की अनुमति देने के इच्छुक हैं। ED Director Sanjay Mishra

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इस बार मामला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई की पीठ में चल रहा है। जहां जस्टिस बीआर गवई ने पूछा कि “क्या देश के इतने बड़े संस्थान ईडी में एक संजय मिश्रा ही एक मात्र अधिकारी हैं जो देश के तमाम बड़े मुद्दों को संभालने की क्षमता रखते हैं? क्या सरकार ये मानती है कि ईडी और अन्य संस्थानों में बाकी अधिकारी योग्य ही नहीं हैं? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी एक के बाद एक चीफ जस्टिस आते रहते हैं।” ED Director Sanjay Mishra

सरकार की वकालत कर रहे एसजी तुषार मेहता ने कहा कि “अदालत द्वारा किये गए सारे सवाल सही हैं लेकिन इस मामले में स्तिथि अंतराष्ट्रीय मुद्दे से जुडी हुई है। FAFT ( फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स ) से जुड़े मुद्दे पर संजय मिश्रा की विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं। उनके हटने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रयासों में कमी आ सकती है। अंतराष्ट्रीय स्तर आर्थिक सुधार की दिशा में चल रहा प्रयास हमारे देश की छवि खराब हो सकती है।

सरकार अदालत से सिर्फ 15 अक्तूबर तक उनके सेवा विस्तार को मंजूरी देने का आग्रह करती है।” जिस पर जस्टिस बीआर गवई ने फटकार लगाते हुए कहा कि “लगता है ED अयोग्य अधिकारियों से भरा हुआ है? क्या ईडी जैसे बड़े संस्थान में संजय मिश्रा के अलावा एक भी योग्य अधिकारी नहीं है। संजय मिश्रा जैसे अधिकारी के जाने से इतना फर्क पड़ सकता है! जस्टिस गवई ने कहा कि अगर कल में सुप्रीम कोर्ट नहीं आऊंगा तो क्या सुप्रीम कोर्ट बंद हो जाएगा।” ED Director Sanjay Mishra

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