BSP In UP

BSP In UP : यूपी में बसपा का गलत निर्णय, और नेताओं की गिरती भाषा शैली !

BSP In UP : यूपी में इस लोकसभा चुनाव में जहां माना जा रहा था कि बसपा इस बार बहुत महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी और यह तब अधिक लगने लगा था जब मायावती ने अपना उत्तराधिकारी आकाश आनंद को घोषित किया और आकाश आनंद कुछ ही दिनों में उत्तर प्रदेश के राजनीतिक पटल पर छा गए उनकी रैलियों में भीड़ बढ़ने लगी। लेकिन आप जानते हैं कि सीतापुर की रैली में उन्होंने एक आपत्तिजनक बयान दिया और तत्काल उनके खिलाफ कार्रवाई हुई और मायावती ने उनसे तत्काल उत्तराधिकार और दूसरी जिम्मेदारी वापस ले ली और उसके बाद वह कहीं दिखाई नहीं दिए और मायावती की भी कोई रैली उसके बाद नहीं होने से कहीं ना कहीं बसपा के वोटरों में एक मायूसी और एक हताशा दिखाई दी।

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दरअसल, मायावती के इस निर्णय से बसपा के कौर वोटर के मन में एक संशय पैदा हुआ कि कहीं ना कहीं कोई गड़बड़ है उसी के तहत बसपा का वोटर इंडिया गठबंधन की ओर जाता दिखाई दे रहा है। जिससे बसपा को तो नुकसान है ही उसके अलावा भाजपा को भी अच्छा खासा नुकसान होता दिखाई देता है। क्योंकि अगर हम देखें 2019 में बहुतायात में भाजपा को बसपा का वोट मिला था। BSP In UP

इसके अलावा भाजपा के 400 पार वाले नारे ने भी नुकसान किया है। क्योंकि जिस पर भाजपा के अयोध्या के प्रत्याशी लल्लूसिंह और मेरठ से भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविंद ने कहा कि 400 बार इसलिए चाहिए, क्योंकि हमें संविधान में बदलाव करना है। उससे बड़ा नुकसान दलित और पिछड़ों में इसका बड़ा रिएक्शन हुआ है और भारतीय जनता पार्टी के लिए यह मुद्दा बहुत नुकसानदायक रहा है। BSP In UP

इसके अलावा इस लोकसभा चुनाव में नेताओं के भाषणों में भाषा शैली में गिरावट नजर आई। ऐसे में समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान और ओवैसुद्दीन ओवैसी की याद ताज़ा हो गई। जहां एक ओर राहुल गांधी की खटाखट खटाखट और अखिलेश यादव की टकाटक की गूंज सुनाई दे वहीं दूसरी देश के प्रधानमंत्री की भाषा उनके पद की गरिमा के अनुसार नहीं थे और उनकी भाषा में जिस प्रकार से गिरावट देखी गई वह दुर्भाग्यपूर्ण है। BSP In UP

उन्होंने जिस प्रकार से महिलाओं के मंगलसूत्र, भैंस खोलने, मछली खाने और अंत में उन्होंने जिस प्रकार से मुजरे की बात की उसने कहीं न कहीं जनता में उनके पद की गरिमा और उनकी व्यक्तिगत छवि को धुंधला करने का काम किया है। जिसका नुकसान सत्ताधारी भाजपा को है। लेकिन यह नुकसान कितना बड़ा है इसका पता तो परिणाम आने के बाद ही चलेगा और उसके लिए हमें परिणाम घोषित होने की तिथि 4 जून तक करना होगा। BSP In UP

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